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क्या होता है डीएनएस सर्वर
डीएनएस सर्वर सार्वजनिक वेबसाइट और अन्य इंटरनेट डोमेन,के नामों के प्रबन्धन के लिए एक प्रकार का प्रोधौगिकि मानक है। जब आप अपने वेब ब्राउज़र में अपनी वेबसाइट सर्च करते है तो डीएनएस टेक्नोलोजी के द्वारा आपका कम्प्यूटर स्वचलित रूप से इंटरनेट पर वेबसाइट का पता लगाने की अनुमति देता है डीएनएस की मूल कार्य प्रणाली डीएनएस सर्वर का एक विश्वव्यापी संग्रह पर आधारित होती है । आपको बता दें कि डोमेन नेम सिस्टम इंटरनेट की फोन बुक है । जब यूजर्स इंटरनेट मे Google.com सर्च करता है तो डीएनएस उन साइट को सही आईपी एड्रेस भेजने के लिए तैयार रहता है फिर वेबसाइट उन पतों का उपयोग है । एक डीएनएस सर्वर डोमेन नाम प्रणाली में शामिल होने के लिए पंजीकृत कोई भी कम्यूटर हो सकता है । एक डीएनएस सर्वर विशेष रूप से नेटवर्किंग सॉफ्टवेर से चलता है
डीएनएस सर्वर कैसे काम करता है
आपको बता दें कि डीएनएस एक वितरित डेटा प्रणाली है इसमें केवल 13 रुट सर्वर नाम और पते का पूरा डेटाबेस होते है । आपके सिस्टम का आईएसपी भी स्वयं का डीएनएस सर्वर स्थापित करता है । क्लाइंट, सर्वर नेटवर्क आर्किटेक्चर पर आधारित है ।आपका वेब ब्राउज़र एक डीएनएस क्लाइंट के लिए कार्य करता है ।यह वेबसाइट के बीच निगेटिव करते समय अपने इंटरनेट सेवा प्रदाता के डीएनएस सर्वर का अनुरोध भेजता है ।
कितने प्रकार का होता है डीएनएस सर्वर
सर्वर कई प्रकार के होते है इनमें से कुछ के बारे में आपको बता रहे है ।
रुट सर्वर – रुट सर्वर डीएनएस के रुट शीर्ष पर स्थित होते है ।साथ ही प्रत्येक शीर्ष स्तरीय जोन के बारे में डेटा बनाए रखते है ।आपको बता दें कि रुट सर्वर एनआईसी द्वारा बनाए रखा जाता है । लगातार नामकरण उद्देश्य के लिए सामान्य डोमेन में परिवर्तित होता है ।रुट सर्वर को रुट सर्वर नेट और कई नामों से जाना जाता है ।
प्राथमिक सर्वर – प्रत्येक डोमेन में एक प्राथमिक सर्वर होना चाहिए । ज्यादातर प्रति डोमेन में एक प्राथमिक सर्वर होता है यह वह प्रणाली है जो डोमेन मे परिवर्तित होता है सभी डोमेन की आधिकारिक रूप से सेवा करते है समय समय पर अन्य डोमेन सर्वर का सिंकी नाईज करते है